Cause Lower Back Pain in Women In Hindi: महिलाओं को कमर के निचले हिस्से में अक्सर दर्द क्यों रहता है? जाने हैल्थ विशेषज्ञों से

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Cause Lower Back Pain In women In Hindi: महिलाओं को कमर के निचले हिस्से में दर्द के अनेक कारण हो सकता है, जैसे ओवेरियन सिस्ट, फाइब्रॉयड।

What Can Cause Lower Back Pain in Women In Hindi:

महिलाएं अक्सर कमर के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत करती नजर आ जाती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे भारी सामान उठाने के कारण कमर के निचले हिस्से में चोट लग जाना, पीरियड्स पेन होना या वर्कआउट के दौरान मसल्स में खिंचाव आ जाना।

क्या आप जानते हैं कि महिलाओं को कमर के निचले हिस्से में दर्द किसी गंभीर बीमारी के कारण भी हो सकता है? महिलाएं, अक्सर कमर के निचले हिस्से के दर्द की अनदेखी कर बैठती हैं। यह सही नहीं है। आपको चाहिए कि आखिर आपको कमर के निचले हिस्से में दर्द क्यों हो रहा है, इसका सटीक कारण जानें। इसके बाद ही सही ट्रीटमेंट करवाएं। ध्यान रहे, अगर लगातार लोअर बैक पेन की अनदेखी करेंगी, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। इस लेख में जानें, कमर के निचले हिस्से में दर्द के गंभीर कारण।

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी)

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, रिप्रोडक्टिव ऑर्गन से जुड़ा संक्रमण है। विशेषकर, गर्भाशय, फेलोपियन ट्यूब और ओवरीज। वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, “पीआईडी होने पर महिलाओं को कमर के निचले हिस्से में दर्द होने के साथ-साथ पेट में दर्द, बुखार, वजाइनल डिसचार्ज और अनियमित पीरियड्स हो सकते हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर इसकी अनदेखी न करें। वैसे तो पीआईडी के ट्रीटमेंट के तौर पर एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं। लेकिन, समय रहते इसका इलाज किया जाना जरूरी है वरना महिला को इंफर्टिलिटी का शिकार होना पड़ सकता है।”

फाइब्रॉइड

डॉ. के अनुसार, “फाइब्रॉइड गर्भाशय की लेयर में नॉन-कैंसेरियस ग्रोथ को कहते हैं। यह गंभीर समस्या है। फाइब्रॉइड होने पर भी महिला को कमर के निचले हिस्से में हल्के दर्द का अहसास हो सकता है। इसके अलावा, पेल्विक एरिया में दर्द और दबाव महसूस करना, हैवी ब्लीडिंग होना और बार-बार पेशाब आना। फाइब्रॉइड के ट्रीटमेंट के तौर पर महिला की सर्जरी की जाती है और नॉन-कैंसेरियस गांठ को निकाल दिया जाता है।”

ओवेरियन सिस्ट

ओवेरियन सिस्ट होने पर ओवरीज में एक प्रकार के सिस्ट हो जाते हैं, जो कि फ्लूइड से भरे होते हैं। डॉ. बताते हैं, “ओवेरियन सिस्ट होने पर शुरुआती दिनों में कोई विशेष लक्षण नजर नहीं आते हैं। हालांकि, एक समय बाद महिला को पेल्विक पेन, दबाव और कमर के निचले हिस्से में दर्द का अहसास हो सकता है। अगर किसी कारणवश सिस्ट फट जाए या फिर मुड़े जाए, तो ऐसे में महिला को तीव्र दर्द हो सकता है और उसे तुरंत डॉक्टर की मदद की जरूरत पड़ सकती है। ओवेरियन सिस्ट का पता लगाने के लिए जरूरी है कि महिला समय-समय पर अपना टेस्ट करवाएं।”

एडिनोमायोसिस

यूट्रस के मस्कुलर वॉल में एंडोमेट्रियल टिश्यू के बढ़ने को एडिनोमायोसिस कहा जाता है। यह स्थिति भी काफी गंभीर होती है। एडिनोमायोसिस होने पर पीरियड्स के दौरन दर्द, हैवी ब्लीडिंग, पेल्विक पेन और पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अहसास हो सकता है। इस तरह की समस्या होने पर महिला को हार्मोनल थेरेपी लेने की सलाह दी जा सकती है। कुछ गंभीर मामलों में हिस्टेरेक्टॉमी की जाती है। इसका मतलब है कि सर्जरी के जरिए महिला का गर्भाशय निकाल देना। आपको बता दें कि हिस्टेरेक्टॉमी की प्रक्रिया में गर्भाशय के अलावा, फैलोपियन ट्यूब और यूट्रस सर्विक्स को निकालना भी शामिल होता है।

Read More:- मोटापा कम कैसे करें

Leave a Reply